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जीव विज्ञान विषय की शैक्षिक उपलब्धि पर 5Es निर्माणवादी शिक्षण उपागम की प्रभावशीलता का अध्ययन | Original Article

Sumit Gangwar*, Shirish Pal Singh, in Shodhaytan | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

प्रस्तुत शोध के माध्यम से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की जीव विज्ञान विषय की शैक्षिक उपलब्धि पर 5ES निर्माणवादी शिक्षण उपागम की प्रभावशीलता का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोध कार्य में मिश्रित शोध विधि (Sequential Exploratory Mixed Method) का उपयोग किया गया है। गुणात्मक शोध विधि के रूप में सर्वेक्षण विधि तथा मात्रात्मक शोध विधि के रूप में प्रयोगात्मक शोध विधि (Pre-test Post-test Single Group Design) का उपयोग किया गया है। शोध अध्ययन हेतु प्रतिदर्श के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद- पीलीभीत में संचालित तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध एक माध्यमिक विद्यालय का चयन साधारण यादृच्छिक न्यादर्शन प्रविधि से किया गया तथा शोध कार्य हेतु इस विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 11 के जीव विज्ञान के सभी 45 विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है। परिमाणात्मक आंकड़ों के एकत्रीकरण के लिए 35 बहुविकल्पीय प्रश्नों युक्त स्वः निर्मित जीव विज्ञान उपलब्धि परीक्षण (BSAT) प्रश्नावली का उपयोग किया गया है। परिमाणात्मक आंकड़ोंके निष्कर्षों को और अधिक स्पष्ट करने के लिए 10 विद्यार्थियों का असंरचित साक्षात्कार कर गुणात्मक आंकड़ों का एकत्रीकरण किया गयाहै। प्रयोगात्मक अध्ययन प्रारम्भ करने से पूर्व शोध हेतु चयनित प्रयोज्य समूह के सभी सदस्यों पर BSAT का प्रशासन किया गया तत्पश्चात प्रयोज्य समूह के सदस्यों को 16 दिनों तक प्रतिदिन 1 घंटे जीव विज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण प्रत्ययों को 5Es निर्माणवादी शिक्षण उपागम की सहायता से सीखने के अवसर प्रदान किए गए। 16 दिनों के पश्चात प्रयोज्य समूह के सभी सदस्यों पर पुनः BSAT प्रशासन कर आकड़ों को एकत्रित किया गया। इसके अतिरिक्त 10 विद्यार्थियों का असंरचित साक्षात्कार भी लिया गया। मात्रात्मक आंकड़ों के विश्लेषण हेतु माध्य, मानक विचलन, प्रोडक्ट मोमेण्ट सहसम्बन्ध तथा ज-परीक्षण का उपयोग किया गया है। इसके साथ-साथ गुणात्मक आंकड़ों के विश्लेषण हेतु गुणात्मक शोध विश्लेषण प्रविधियों का उपयोग किया गया। मात्रात्मक आंकड़ों के विश्लेषण के उपरांत यह पाया गया कि 0.05 सार्थकता स्तर पर कक्षा 11 के विद्यार्थियों के BSAT पूर्व-परीक्षण तथा पश्च-परीक्षण के माध्यों में सार्थक अंतर है। इससे स्पष्ट होता है कि कक्षा 11 के विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि पर निर्माणवादी शिक्षण उपागम का प्रभाव पड़ता है। गुणात्मक आकड़ों के विश्लेषणोपरांत भी यही निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि विद्यार्थी 5Es निर्माणवादी शिक्षण उपागम की सहायता से जीव विज्ञान के निश्चित प्रत्ययों को प्रभावी तरीके से सीखे तथा उन्हें इस प्रकार से सीखना सरल तथा रुचिकर लगता है और सीखा गया ज्ञान अपेक्षाकृत अधिक समय तक स्थायी रहता है। समेकित रूप से इस शोध अध्ययन से यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की जीव विज्ञान विषय की शैक्षिक उपलब्धि पर 5Es निर्माणवादी शिक्षण उपागम का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।