मध्यप्रदेश में शासकीय तेंदूपत्ता नीति के आर्थिक क्रियान्वयन का विश्लेषणात्मक अध्ययन के अंतर्गत शोध करके इस निष्कर्ष पर पहुँचा गया है कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण संबंधी कई नीतियों एवं नियमों को बनाया गया है लेकिन उन नियमों का सही रूप से पालन नहीं हो पा रहा है। शासन स्तर के कई अधिकारी एवं कर्मचारी इस संग्रहण कार्य में लगे है किन्तु शोध करते समय यह देखा गया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों का आज भी शोषण हो रहा है एवं उनको उनकी मेहनत का पूर्ण प्रतिफल आज भी नहीं मिल पा रहा है उनका तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में आज भी कई जगह शोषण हो रहा एवं शासन के द्वारा उनको जो पारिश्रमिक दिया जाता है वह भी काफी कम है।